हमारी संस्कृति में नृत्य का अपना महत्व है नाचने का महत्व नाच न जाने आंगन टेढा मुहावरे से भी झलकता है ,अब यही बात अमेरीकी वैज्ञानिकों ने साबित कर दी है ,आप शुरू करें नाचना और पाएं मोटापे एवं टायप-2 डायबीटीज से छुट्टी। वैज्ञानिकों ने यह निष्कर्ष लगातार बच्चों को एक महीने तक, एक घंटे का साप्ताहिक हिप-होप नृत्य, एक जिम की वूडन फर्श पर कराकर पाया है । पेनीसाल्वेनिया स्कूल ऑफ नर्सिंग के डॉ. पेरी लीपमेन का कहना है, कि़ इस शोध से उन बच्चों को अलग कर दिया गया, जिनकी ह्रदय गति असामान्य रूप से बढ़ गयी थी।डॉ. लीपमेन का कहना है, कि़ यह शोध अच्छे स्वास्थ्य के लिए पूरी दुनिया में नृत्य को बढ़ावा देगा।वैसे भी भारत में नृत्यों की परम्परा संस्कृति से जुडी हुई है, कत्थक,कुचीपुडी ,ओडीसी ,भरतनाट्यम,भांगड़ा आदि नृत्यों से होने वाली शारीरिक सक्रियता के कारण फायदे को देखकर ही इसे परम्परा के रूप में निभाया जा रहा है। शारीरिक सक्रियता के महत्व को योग के आसनों में भी देखा जा सकता है ,जो बात आज अमेरिकी शोधवेत्ता कह रहे हैं वो हमने सदियों से संस्कार के रूप में अपनाई है। शायद हमारे ऋषियों के ज्ञान चक्षुओं क़ी दिव्यता का कमाल ही रहा होगा कि हम त्योहारों से लेकर शादियों में डांस करते रहे हैं, तो हो जाएं। शुरू आज और अभी से ही नृत्य के अभ्यास में, इससे मिलेगा आपकी कला को निखार और उत्तम स्वास्थ्य रहेगा बरकरार।
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