अक्सर चावल खाने को लेकर हमारे मन में कई प्रकार की भ्रांतियां होती हैं जैसे चावल खाकर हम मोटे हो जाते हैं आदि, लेकिन आज हम आपको एक ऐसा सच बताने जा रहे हैं ,जो चावल खाने के महत्व को प्रकाशित कर रहा है जी हाँ, हाल के एक अध्ययन से यह सिद्ध हुआ है कि चावल खाकर हम आँतों के कैंसर की संभावना को कम कर सकते हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ सेंटरबरी के प्रोफेसर एन्न रिचर्डसन की मानें तो हर वर्ष केवल न्यूजीलैंड में ही 2800 लोग आँतों के कैंसर से पीडि़त पाए जाते हैं, इसके पीछे खान-पान की आदतों में आया परिवर्तन एक बड़ा कारण है। जापान एवं हांगकांग में भी बढ़ते आँतों के कैंसर से पीडि़त रोगियों के पीछे भी खान-पान की आदतों में आया परिवर्तन ही एक बड़े कारण के रूप में सामने आया है। यह देखा गया है कि केवल जापान में ही चावल खाने वालों की संख्या में पचास प्रतिशत से अधिक की कमी आई है।
हाँ, यह एक सुखद हो सकता है कि भारत और चीन में अभी भी भोजन में चावल खाने वालों की संख्या में इतनी कमी नहीं पाई गई है और शायद आँतों के कैंसर से पीडि़त रोगियों की संख्या कम होने का यह भी एक बड़ा कारण हो,जापान और हांगकांग जैसे देशों में कोलोरेक्टल कैंसर के रोगियों में हुई वृद्दि का कारण एक मात्र आनुवांशिक न होकर कुछ ऐसा भी है जो पहले उन्हें इस रोग से सुरक्षा कवच प्रदान करता था और शायद वह तत्व चावल हो ! वैज्ञानिकों का मानना है किचावल में ट्यूमर को दबाने वाले तत्व देखे गए हैं और शायद यही आँतों के कैंसर से बचाव का एक कारण हो। अब वैज्ञानिक इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए अपने शोध को आगे बढ़ा रहे हैं।।इसी आर्टिकल को पढ़ने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें:http://religion.bhaskar.com/article/yoga-avoid-the-rice-so-it-is-important-to-know-3909943-NOR.html
हाँ, यह एक सुखद हो सकता है कि भारत और चीन में अभी भी भोजन में चावल खाने वालों की संख्या में इतनी कमी नहीं पाई गई है और शायद आँतों के कैंसर से पीडि़त रोगियों की संख्या कम होने का यह भी एक बड़ा कारण हो,जापान और हांगकांग जैसे देशों में कोलोरेक्टल कैंसर के रोगियों में हुई वृद्दि का कारण एक मात्र आनुवांशिक न होकर कुछ ऐसा भी है जो पहले उन्हें इस रोग से सुरक्षा कवच प्रदान करता था और शायद वह तत्व चावल हो ! वैज्ञानिकों का मानना है किचावल में ट्यूमर को दबाने वाले तत्व देखे गए हैं और शायद यही आँतों के कैंसर से बचाव का एक कारण हो। अब वैज्ञानिक इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए अपने शोध को आगे बढ़ा रहे हैं।।इसी आर्टिकल को पढ़ने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें:http://religion.bhaskar.com/article/yoga-avoid-the-rice-so-it-is-important-to-know-3909943-NOR.html
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