Dear Readers..Long awaited issue of AYUSH DARPAN (Jan-Jun 2013) is to be dispatched within one or two days through Indian Postal Services,we are in the course of updating our regular Readers Address Book and in one or two days we will display it in our official website...If you are a member and not receiving the previous issues of AYUSH DARPAN through post,My humble request is to you thatkindly re- update your complete postal address along with your mobile no.through SMS on 9760846878....Sorry for the inconvenience..with regards..Dr Navin Joshi,Editor,AYUSH DARPAN....!!
Previous issues of AYUSH DARPAN in Hindi is now available online visit:http://ayushdarpan.org

यह ब्लॉग खोजें

गुरुवार, 2 मई 2013

चाय से भी हो सकता है बीमारियों का इलाज ये हैं कुछ खास तरीके


images.jpg चाय के बारे में आपने बहुत कुछ जाना  होगा,पर आज हम आपको कुछ स्वास्थ्यवर्धक हर्बल चाय के बारे में बताने जा  रहे हैं :दुनिया में केवलनिकोटीन या केफीन से युक्त पेय को ही चाय की तरह नहीं पीया जाता, बल्कि विभिन्न देशों में पारंपरिक तौर पर अलग-अलग नामों  से इसे पीने का चलन रहा हैI "तिसान "नामक जडी-बूटियों से बनायी गयी चाय पश्चिम  में अपने औषधीय गुणों के कारण पी जाती रही है ..इसी प्रकार चीन में "लीयंग-चा" नाम से पी जानेवाली चाय भी अपने औषधीय गुणों  एवं  मस्त रहने के प्रभाव उत्पन्न करने के कारण पी जाती रही है,  एक चाय मिस्र में"कर्काड़े " के नाम से भी प्रचलित है,श्रीलंका में भी जडी-बूटियों से बनायी गयी चाय को पीने का चलन है ,मलेशिया में "हो-यान-होर"नाम से बनायी गयी चाय लोगों को खूब पसंद आती है Iआइये आज हम आपको कुछ ऐसी ही जडी-बूटियों से युक्त चाय बनाने के तरीके से रु-ब-रु कराते है :-
*यदि आप अपनी पाचन शक्ति को ठीक रखना चाहते हैं साथ-साथ मूत्रवह संस्थान को भी स्वस्थ रखना  एवं  मस्तिष्क को ठंडा -ठंडा, कूल -कूल रखना  चाहते हैं तो लीजिये ये हर्बल चाय आपके लिए मददगार होगी  !
विधि: दो कप पानी लें,अब इसमें आधा चम्मच धनिया,जीरा एवं सौंफ मिला लें,अब इसे ढँक कर उबाल लें ..अब इसे थोड़ी देर बाद उतार लें और पीने योग्य तापक्रम पर वापस आने दें ..इसमें आप बाद में स्वाद के लिए आवश्यकतानुसार शहद मिला सकते है ..हो गयी आपके लिए एक बेहतरीन पित्तदोषशामक  चाय तैयार !
*यदि आप कम भूख लगने जैसी समस्या से परेशान हैं तो बस बना लें इस चाय को !
विधि :दो कप पानी लें और इसे उबाल लें अब इसमें एक चुटकी अदरख का पाउडर डाल दें..अब इसे ढँक कर 5-10 मिनट तक उबालें ..पुनः इसे भी पीने लायक तापक्रम पर वापस आने दें,अब आवश्यकतानुसार कागजी नींबू एवं शहद मिला लें ..हो गयी कफदोषका शमन करने वाली चाय तैयार  !
*यदि आप अपने नाडीवह संस्थान (नर्वस सिस्टम ) को ठीक रखना चाहते हैं तो आपके लिए निम्न चाय एक बेहतरीन विकल्प है !
विधि :दो कप पानी लें,इसमें दशमूल का पाउडर दो चम्मच मिला दें,5 से10 मिनट तक धीरे-धीरे उबालें ..पुनः उपयुक्त तापक्रम पर आने पर इसे पीयें ..हो गयी वातदोषशामक चाय तैयार !
इसके अलावा छाया में सुखाये हुए तुलसी के पत्ते 25 ग्राम, तेज पत्र 25 ग्राम, छोटी इलायची 12ग्राम,सोंफ 12 ग्राम, ब्राह्मी के सूखे पत्ते 12 ग्राम,छिली हुई मुलेठी 12 ग्राम  मिलाकर ,उपरोक्त प्रत्येक को अलग-अलग कूटकर चूर्ण बना के मिश्रित कर लें I जब चाय-कॉफी पीने  का मन हो, तब मिश्रण में से 5-6 ग्राम चूर्ण लेकर 400 ग्राम पानी में उबाल लें ,जब आधा पानी शेष  रहे तब नीचे उतारकर छान लें Iउसमें दूध एवं खांड मिलाकर  पीयें ,हो गयी एक बेहतरीन रोगनिवारक त्रिदोषशामक चाय तैयार ! इसी आर्टिकल को दैनिक भास्कर जीवन मन्त्र पर पढने के लिए लिंक पर क्लिक करें :http://religion.bhaskar.com/article/FM-HL-yoga-these-teas-can-also-be-some-special-ways-to-treat-diseases-4251623-NOR.html

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें