शादी के दो सबसे अहम पहलू हैं ‘प्यार और विश्वास.’ शादी सिर्फ दो लोगों का मेल नहीं होता यह दो आत्माओं का मिलन होता है. शादी एक अटूट बंधन है, यह दो जोड़ों की मिलन बेला है. शादी के बंधन का तात्पर्य ‘जिंदगी भर साथ निभाने से होता है.’
असल मायनों में शादी केवल दो लोगों का मिलन नहीं होता यह दो परिवारों का भी मिलन होता है. शादी के बाद स्त्री अपने पिता का घर छोड़ अपने पति के घर आती है, जिसके बाद पति का परिवार ही उसका परिवार हो जाता है. अतः शादी के बाद परिवार के हर सदस्यर की भूमिका अहम होती है.
दोस्तों खासकर महिला मित्रों अगर आप अपनी शादी की तैयारी कर रही हैं तो आपके लिए यह जरुरी हो जाता है कि आप अपने पति के जीवन में शामिल सभी महिलाओं के बारे में जानें.
महिलाओं में यह प्रवृत्ति रहती है कि वह अपने पति से जुड़ी सभी महिला मित्रों पर संदेह करती हैं. लेकिन अगर आपको एक अच्छा रिश्ता बनाना है तो आपको जानना होगा कि उन महिलाओं की आपके पति के जीवन में क्या भूमिका है. इसके लिए ईष्या छोड़ आपको शांत रहना होगा. अपने पति की महिला मित्रों के साथ समय व्यतीत करना होगा और उनके साथ पार्टियों में जाना होगा. क्योंकि इनसे ही आपको पता चल सकती है अपने पति की पसंद-नापसंद.
लड़के के जीवन में उसकी मां की महत्व पूर्ण भूमिका होती है. शादी के बाद आपके पति की माँ आपकी भी माँ बन जाती है. अच्छा होगा अगर आप अपनी सास के साथ अपनी माँ की तरह व्यवहार करें. उन्हें समझने की कोशिश करें और उनकी सेवा करें.
पति की बहन यानि आपकी ननद भले ही कुछ समय के लिए होती है लेकिन उन्हें अपने भाई के जीवन में किसी महिला का प्रवेश अच्छा नहीं लगता. इसलिए अपनी ननद के साथ भी आपको अच्छा रिश्ता बनाना होता है. शायद शादी के बाद आपकी ननद आपकी सबसे अच्छी मित्र बन जाए.
बहुत सुन्दर रचना| धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंइस नए चिट्ठे के साथ हिंदी ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
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