आयुर्वेदिक उत्पादक समूह के राष्ट्रीय सगठन ने रास्ट्रीय स्तर पर फर्जी आयुर्वेदिक डाक्टरों पर लगाम लगाने की मांग की हैIउन्होंने अपने ज्ञापन में वर्त्तमान नियमों में सुधार लाकर एक कड़े नियमों की मांग की हैI
ए.एम्.एम्.ओ.आई .के सचिव डॉ .डी.रामानाथन ने इस समबन्ध में एक ज्ञापन केंद्रीय स्वास्थय मंत्री को दिया है,उन्होंने बताया कि आयुर्वेदिक,सिद्ध,यूनानी एवं होम्योपेथी के नाम पर चिकित्सा करने वालों के पास समबन्धित कौंसिल से मान्यता प्राप्त डिग्री होने के क़ानून के बावजूद कई राज्यों में फर्जी आयुर्वेदिक चिकित्सकों को आदेश देकर चिकित्सा करने की अनुमती दी जा रही है Iऐसा ही कुछ केरल में "ट्रेडिशनल हीलर"के नाम पर हो रहा है,ऐसे ही एक सरकारी आदेश के खिलाफ केरल उच्च न्यायालय ने स्थगन आदेश देकर रोक लगाई हैI ए.एम्.एम्.ओ.आई .ने भारत के पूर्वी राज्यों में आयुर्वेद के प्रचार प्रसार को और अधिक बढ़ावा देने की मांग की है ताकि आयुष चिकित्सकों द्वारा आधुनिक पद्धति में की जानेवाली प्रेक्टिस को रोका जा सकेI.ए.एम्.एम्.ओ.आई औषधीय पौधों क़ी कृषि समबन्धी नीतियों को नए सिरे से बनाने क़ी मांग क़ी है ताकि जनसंख्या वृद्धि एवं जंगलों क़ी कटाई के कारण औषधियों के निर्माण में कच्चे माल क़ी कमी को दूर किया जा सके Iआयुर्वेदिक उत्पादक समूह के राष्ट्रीय सगठन ने हाल ही में यूरोपीयन यूनियन के देशों द्वारा आयुर्वेदिक दवाओं में भारी धातुओं के उपस्थित होने क़ी बात कहकर अपने देशों में इनपर लगाए प्रतिबन्ध पर भी केंद्रीय मंत्री का ध्यान आकृष्ट किया हैIउन्होंने वित्त मंत्रालय द्वारा, आयुर्वेदिक शास्त्रीय दवाओं पर लगे केंद्रीय उत्पाद शुल्क को हटाने क़ी मांग क़ी हैI
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