विश्वास सब से बड़ी दवा है, हर मर्ज का इलाज नहीं होता ! नए शोध के अनुसार "प्लेसिबो " प्रभाव भी रोगियों में काम करता है ,जिन्हें इसपर विश्वास नहीं होता ! अमेरिका की प्रतिष्ठीत पत्रिका में छपे एक लेख के अनुसार इलाज मस्तिस्क में होता है Iएक रोगी मिस्टर राईट जिसे टयूमर था तथा शरीर के कई हिस्सों में फ़ैल चुका था,चिकित्सकों ने उसे हर प्रकार का इलाज दिया,पर कोई फायदा नहीं हुआ I उस रोगी को इस बात का अटूट विश्वास था, कि नई कैंसर रोधी दवा "किरोबायोजन " से वो ठीक होगा Iयह बात १९५७ में केलिफोर्निया विश्वविद्यालय के मनोविज्ञानी ब्रुनो क्लोफर ने अपने पत्र "साईकोलोजिकल वेरिअबल्स इन हयूमन कैंसर " में उदधृत किया था I मिस्टर राईट बिस्तर पर एक एक सांस गिन रहा था,लेकिन जब उसे "किरोबायोजन " का पहला इंजेक्सन दिया गया,उसके ठीक तीन दिन बाद वो उठ खडा हुआ,नर्सों से मजाक करने लगा,उसका टयूमर आधा रह गया था,और दस दिन बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी,लेकिन एक वैसा ही दूसरा रोगी जो ठीक वैसे ही टयूमर से पीड़ित था में "किरोबायोजन " से कोई लाभ नहीं मिला I
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