Dear Readers..Long awaited issue of AYUSH DARPAN (Jan-Jun 2013) is to be dispatched within one or two days through Indian Postal Services,we are in the course of updating our regular Readers Address Book and in one or two days we will display it in our official website...If you are a member and not receiving the previous issues of AYUSH DARPAN through post,My humble request is to you thatkindly re- update your complete postal address along with your mobile no.through SMS on 9760846878....Sorry for the inconvenience..with regards..Dr Navin Joshi,Editor,AYUSH DARPAN....!!
Previous issues of AYUSH DARPAN in Hindi is now available online visit:http://ayushdarpan.org

यह ब्लॉग खोजें

शनिवार, 17 सितंबर 2011

जानिए, कैसे बना कायाकल्प करने वाला च्यवनप्राश?

प्राचीनकाल में ऋषि मुनियों द्वारा स्वयं का "कायाकल्प" कर लम्बी उम्र पाने पाने का वर्णन मिलता है। ऐसे ही एक ऋषि थे च्यवन, जिन्होंने स्वयं के चिर यौवन को प्राप्त करने के लिए लगभग 49 से अधिक जड़ी-बूटियों को मिलाकर एक नुस्खा तैयार किया, जिसे बाद में "च्यवनप्राश" के नाम से जाना गया।
इस नुस्खे को लिखित रूप से सर्वप्रथम दुनियाँ के सामने लाने का श्रेय महर्षि चरक को जाता है। महर्षि चरक के अनुसार "च्यवनप्राश" सभी रसायनों में श्रेष्ठ रसायन है। "च्यवनप्राश" नामक नुस्खे में सबसे प्रमुख घटक आंवला है, जिसके गुणों से आप पूर्वपरिचित हैं, आंवला स्वयं के विटामिन -"सी" को सबसे लम्बे समय तक अपने अन्दर सुरक्षित रखने के लिए जाना जाता है और एक ख़ास बात यह है क़ि सुखाने या जलाने पर भी इसमें स्थित विटामिन -"सी" नष्ट नहीं होता, बल्कि और बढ़ जाता है।
च्यवनप्राश में आंवले के अतिरिक्त अश्वगंधा, शतावरी, पिप्पली, भूमिआमलकी, वासा आदि औषधियों का प्रयोग घी और शहद के साथ होता है और यदि "अष्टवर्ग " क़ी  औषधियों के साथ इसका निर्माण हो तो इसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। "च्यवनप्राश " का प्रयोग शरीर क़ी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाने, पाचन शक्ति को मजबूत करने, याददाश्त बढाने के साथ ही श्वसन संस्थान, लीवर एवं गुर्दों क़ी कार्यप्रणाली को संतुलित कर मजबूत करने में होता है।
इसके अलावा "च्यवनप्राश" आपकी त्वचा क़ी कान्ति को बढ़ाकर झाइयों को भी दूर करता है। यह शरीर में केल्शियम के अवशोषण को बढ़ाकर हड्डियों एवं दाँतों को मजबूत करता है। तो है न एक गुणकारी अचूक नुस्खा, जिसके शोधन (पंचकर्म) के पश्चात प्रयोग से आपका "कायाकल्प" हो जाएगा और आप स्वयं को चिर-युवा एवं और अधिक स्फूर्तिवान पायेंगे।इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें :
http://religion.bhaskar.com/article/yoga-learn-how-to-make-chyawanprash-2364614.html

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें