
बस केवल आप इसे अपनी नासिकारंध्र के पास ले आयें और साँसों को तेजी से अन्दर लें, देखें आपको तत्काल लाभ मिलेगा। लहसुन क़ी खूबियों को केवल आयुर्वेदिक ग्रथों में ही नहीं बताया गया है, इसकी खूबियों का बखान बाइबल एवं चीनी पुस्तकों में भी मिलता है। कहा जाता है कि़ गाजा में पिरामिड निर्माण के दौरान मजदूरों क़ी कार्यक्षमता को बढाने के लिए उन्हें लहसुन खिलाया गया था। लहसुन की 1-2 कली नित्य गुनगुने पानी से लेने पर आपका रक्तचाप नियंत्रित रहेगा,आपके रक्त में एल.डी.एल. कोलेस्ट्रोल की मात्रा भी नियंत्रित रहेगी,रक्तनलिकाओं में रक्त कणिकाओं के जमने क़ी संभावना भी कम हो जायेगी, साथ ही रक्तगत शर्करा भी नियंत्रित रहेगी, इतना ही नहीं लहसुन का प्रयोग कैंसर जैसे रोगों में भी रोधी प्रभाव दर्शाता है। लहसुन शरीर से पारे एवं अन्य भारी धातुओं को बाहर निकालता है , इसे प्राकृतिक एंटीबायोटिक माना गया है , जिसके जीवाणुरोधी प्रभाव देखे गए हैं। यह एंटीवाइरल,एंटीफंगल एवं एंटीओक्सिडेंट गुणों का अनूठा संगम है।
लहसुन शरीर क़ी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाता है। लहसुन क़ी कलीयों को पानी में तबतक उबालें जबतक ये मुलायम न हो जायें,इसके बाद इस उबले पानी में सिरका मिला दें ,तथा थोडी मात्रा में शक्कर मिलकर सीरप बना लें,हो गयी दमा के रोगियों के लिए रामबाण औषधि तैयार। इसके अलावा नाक से बहने वाले खून (नकसीर) में भी इसके रस को टपका देने से खून आना बंद हो जाता है तो है न लहसुन अनलिमिटेड गुणों से भरपूर, तो देर किस बात क़ी शुरू करें प्रयोग और पाएं लाभ ही लाभ।इसी आर्टिकल को पढ़ने के लिए दए गए लिंक पर क्लिक करें :
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