यह माना जाता है कि 40 की उम्र के बाद इंसान की उम्र ढलने लगती है, शरीर कमजोर हो जाता है। यही कारण है कि 40 वर्ष से ऊपर की उम्र में जीवनशैली का अपना विशेष महत्व है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आयुर्वेद के अनुसार इंसान को चालीस की उम्र के पार अपने खान-पान में किस तरह का परिवर्तन करना चाहिए।
-चालीस के उम्र के पार हमारे हृदय रोगी होने की संभावना भी बढ़ जाती है,तो हमें अपने भोजन में रेशेदार आहार के सेवन को बढ़ा देना चाहिए, इसमें गेहूं के जवारे प्रमुख रूप से सेव्य है ,इनमें पर्याप्त मात्रा में बीटा-ग्लूकान्स पाया जाता है, जो खून में पायी जानेवाली अनावश्यक चर्बी एल.डी.एल की मात्रा को कम कर देता है।
- इसके अलावा जौ में पाया जानेवाला एवेंथ्रामाईड एक एंटी-आक्सीडेंट का काम करता है ,जो अन्य धान्यों की अपेक्षा अधिक कारगर रूप से धमनियों की कठिनता (एथेरोस्केलेरोसिस ) को कम कर देता है ढ्ढ इस उम्र में चेरी का सेवन गठिया की संभावना को कम कर देता है ,इनमें एन्थोसायनिन नामक एंटी-आक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है ढ्ढ इस उम्र में बादाम का सेवन रक्तगत शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के साथ कोलेस्टेरोल के स्तर को भी सामान्य करता है।
- इस उम्र में ओमेगा-थ्री-फेटी एसिड से युक्त आहार का सेवन रक्तचाप को नियंत्रित करने के साथ हृदय की अनियमित गति (एरीदमीया) को भी ठीक करने में मददगार होता है।सोयाबीन का सेवन भी आइसोफ्लेवोंस के पाए जाने के कारण चालीस के उम्र के बाद रक्त में कोलेस्टेरोल की मात्रा को नियंत्रित करने के साथ मीनोपौज के उम्र के करीब की महिलाओं में हड्डियों के घनत्व को ठीक करता है ,साथ ही पुरुषों में फर्टीलिटी को बढाता है ,बस ध्यान रहे की इसकी निश्चित मात्रा का ही सेवन किया जाए।
- इस उम्र में टमाटर का सेवन लाइकोपीन एंटी -ओक्सिडेंट के कारण हमारे शरीर के क्षय कम कर देता है ,जिससे हृदय रोगों सहित कैंसर जैसे रोगों से पीडि़त होने के खतरे को भी कम कर देता है।
- चालीस की उम्र के बाद नियमित रूप से एक ग्लास दूध के सेवन का सेवन मांसपेशियों में आये ढीलेपन (झुर्रियां ) कम करने में मददगार होता है। ये तो कुछ टिप्स हैं, जिनसे आप अपने वृद्धावस्था के स्वाभाविक शारीरिक क्षय को थोड़ा आगे बढ़ा सकते हैं।
- इसके अलावा नियमित व्यायाम,योग एवं प्राणयाम का अभ्यास सकारात्मक सोच मानसिक स्वास्थ्य को बरकार रख शारीरिक रूप से भी मजबूती देता है।इसी आर्टिकल को पढ़ने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें ..http://religion.bhaskar.com/article/FM-AN-after-40-to-stay-young-is-important-to-take-care-of-these-things-4004590-NOR.html
-चालीस के उम्र के पार हमारे हृदय रोगी होने की संभावना भी बढ़ जाती है,तो हमें अपने भोजन में रेशेदार आहार के सेवन को बढ़ा देना चाहिए, इसमें गेहूं के जवारे प्रमुख रूप से सेव्य है ,इनमें पर्याप्त मात्रा में बीटा-ग्लूकान्स पाया जाता है, जो खून में पायी जानेवाली अनावश्यक चर्बी एल.डी.एल की मात्रा को कम कर देता है।
- इसके अलावा जौ में पाया जानेवाला एवेंथ्रामाईड एक एंटी-आक्सीडेंट का काम करता है ,जो अन्य धान्यों की अपेक्षा अधिक कारगर रूप से धमनियों की कठिनता (एथेरोस्केलेरोसिस ) को कम कर देता है ढ्ढ इस उम्र में चेरी का सेवन गठिया की संभावना को कम कर देता है ,इनमें एन्थोसायनिन नामक एंटी-आक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है ढ्ढ इस उम्र में बादाम का सेवन रक्तगत शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के साथ कोलेस्टेरोल के स्तर को भी सामान्य करता है।
- इस उम्र में ओमेगा-थ्री-फेटी एसिड से युक्त आहार का सेवन रक्तचाप को नियंत्रित करने के साथ हृदय की अनियमित गति (एरीदमीया) को भी ठीक करने में मददगार होता है।सोयाबीन का सेवन भी आइसोफ्लेवोंस के पाए जाने के कारण चालीस के उम्र के बाद रक्त में कोलेस्टेरोल की मात्रा को नियंत्रित करने के साथ मीनोपौज के उम्र के करीब की महिलाओं में हड्डियों के घनत्व को ठीक करता है ,साथ ही पुरुषों में फर्टीलिटी को बढाता है ,बस ध्यान रहे की इसकी निश्चित मात्रा का ही सेवन किया जाए।
- इस उम्र में टमाटर का सेवन लाइकोपीन एंटी -ओक्सिडेंट के कारण हमारे शरीर के क्षय कम कर देता है ,जिससे हृदय रोगों सहित कैंसर जैसे रोगों से पीडि़त होने के खतरे को भी कम कर देता है।
- चालीस की उम्र के बाद नियमित रूप से एक ग्लास दूध के सेवन का सेवन मांसपेशियों में आये ढीलेपन (झुर्रियां ) कम करने में मददगार होता है। ये तो कुछ टिप्स हैं, जिनसे आप अपने वृद्धावस्था के स्वाभाविक शारीरिक क्षय को थोड़ा आगे बढ़ा सकते हैं।
- इसके अलावा नियमित व्यायाम,योग एवं प्राणयाम का अभ्यास सकारात्मक सोच मानसिक स्वास्थ्य को बरकार रख शारीरिक रूप से भी मजबूती देता है।इसी आर्टिकल को पढ़ने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें ..http://religion.bhaskar.com/article/FM-AN-after-40-to-stay-young-is-important-to-take-care-of-these-things-4004590-NOR.html
नमस्ते , आपका ये लेख सराहनिए हे काफी अच्छी जानकारी दी हे आपने , मेने अपने ब्लॉग पर गेहूं के जवारे के बारे में जानकारी दी हे किर्पया मेरी साईट पर भी आयें केंसर में गेहूं के जवारे का प्रयोग
जवाब देंहटाएं