मांसाहार के बारे में आस्ट्रेलिया के सिडनी स्थित रिचर्ड रोसेंकान्र्जं विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों का एक शोध मांस खाने और दमा और हे-फीवर के बीच के सम्बन्ध को जोड़ रहा है। पश्चिमी देशों के खान-पान में मांसाहार अधिक देखा जाता है। वैज्ञानिकों ने 1,56,035 पुरुषों और महिलाओं को इस अध्ययन में शामिल किया ,शोध के परिणाम पुन: पूर्व के शोधों की तरह ही मांसाहारियों में 10 से अधिक दमा और 25 से अधिक हे-फीवर होने की पुष्टि कर रहे हैं।
वैज्ञानिकों ने इन लोगों में पुरुषों को निम्न अनुपात में मांस/चीज, फल/सब्जियां ,चिकन /सी-फ़ूड ,चावल,रोटी/एल्कोहल,ब्राउन ब्रेड/चीज खिलाया,जबकि महिलाओं को मांसाहार,फल/सब्जियां,चिकन /सी-फ़ूड ,चावल,रोटी/एल्कोहल,ब्राउन ब्रेड/चीज का सेवन कराया। शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि मांसाहार का सीधा सम्बन्ध दमे (अस्थमा ) से है, चाहे वो पौल्ट्री या सी-फ़ूड ही क्यों न हो ..! हाँ ब्राउन ब्रेड और चीज को एस्थमा और हे-फीवर से बचाने वाला पाया गया।
वैज्ञानिकों ने इन लोगों में पुरुषों को निम्न अनुपात में मांस/चीज, फल/सब्जियां ,चिकन /सी-फ़ूड ,चावल,रोटी/एल्कोहल,ब्राउन ब्रेड/चीज खिलाया,जबकि महिलाओं को मांसाहार,फल/सब्जियां,चिकन /सी-फ़ूड ,चावल,रोटी/एल्कोहल,ब्राउन ब्रेड/चीज का सेवन कराया। शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि मांसाहार का सीधा सम्बन्ध दमे (अस्थमा ) से है, चाहे वो पौल्ट्री या सी-फ़ूड ही क्यों न हो ..! हाँ ब्राउन ब्रेड और चीज को एस्थमा और हे-फीवर से बचाने वाला पाया गया।
वैज्ञानिकों ने पुरुषों और महिलाओं में कराए गए इस अध्ययन से अंतिम निष्कर्ष यह दिया कि मांसाहारी भोजन चाहे पौल्ट्री,सी-फ़ूड,रेड या प्रोसेस्सेड मीट के रूप में लिया गया हो दोनों ही लिंगों में एस्थमा और हे-फीवर की संभावना को बढ़ा देता है। वैज्ञानिकों ने इन बीमारियों के कारणों में अधिक मांसाहारी कम एंटी-आक्सीडेंट और उच्च मात्रा में सेचुरेटेड फेट युक्त भोजन लेने को बड़ा कारण माना है।।इसी आर्टिकल को पढ़ने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें ...http://religion.bhaskar.com/article/yoga-nonvej-because-anyone-can-eat-these-terrible-diseases-3988071.html
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