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सोमवार, 22 अप्रैल 2013

कुछ ऐसी आदतें जिनके कारण हो जाती है डायबिटीज


download.jpgआजकल डायबीटिक होना एक सामान्य सी बात हो गयी हैं, बढती हुए रोगियों की संख्या ने भारत को इस रोग की राजधानी घोषित कर दिया है !आज हम इस रोग पर विस्तृत चर्चा न करते हुए केवल कुछ ऐसे उपायों से आपका परिचय करायेंगे जिनका अनुपालन आपके लिए फायदेमंद सिद्ध होगा !जब कभी भी हम  डायबीटिज की चर्चा करते हैं तो हमारा मूल उद्देश्य रक्त में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित रखने से होता है ..और यह भी एक सत्य है की यदि आप अपने रक्त में शर्करा के स्तर को नियंत्रित रखने में कामयाब हैं तो  डायबीटिक होने के बावजूद आप स्वस्थ और लंबा जीवन व्यतीत कर सकने में सफल रहेंगे ! लेकिन क्या आप जानते हैं कि कौन से ऐसे कारण हैं जो आपके खून में शर्करा के स्तर को घटाते एवं बढाते हैं ? जी हाँ आज हम आपको इन्हें सब सामान्य लगती बातों को स्पष्ट करने जा रहे हैं :-
भोजन :- स्वस्थ भोजन डायबीटिक रोगियों के मेनेजमेंट प्लान की पहली सीढी है ,आप कितना और क्या खाते हैं इसका आपके खून में स्थित शर्करा के स्तर पर सीधा प्रभाव पड़ता है !
क्या करें ? 
सबसे पहले अपने खाने का एक शेड्यूल बनाएं :-आपके रक्त में शर्करा की मात्रा आपके भोजन लेने के एक या दो घंटे बाद अपने उच्चतम स्तर पर होती है ..और तत्पश्चात वह नीचे आने लगती है I
यदि  आप  ठीक समय पर,ठीक मात्रा में और स्वस्थ  भोजन करते हैं तो इससे आपकी रक्तगत शर्करा  में अधिक परिवर्तन नहीं आयेगा I
-अपने भोजन को यथासंभव संतुलित रखें यथा: भोजन  स्टार्च,प्रोटीन ,फलों एवं सब्जियों का उचित संमावेश होना चाहिए ! यह अति महत्वपूर्ण है की आपके भोजन में कार्बोहायड्रेट की मात्रा नियंत्रित होनी चाहिए ,क्यूंकि इसका  खून में स्थित  शर्करा से सीधा सम्बन्ध होता है ! सही आहार संबंधी उचित परामर्श हेतु आहार विशेषज्ञ से भी आप संपर्क  कर सकते हैं !
भोजन की उचित मात्रा का प्रयोग :-प्रत्येक भोजन से प्राप्त कैलोरी की गणना का भोजन ग्रहण करते समय अवश्य ही ध्यान रखा जाना चाहिए !
अपने भोजन एवं दवा के मध्य समन्वय अवश्य ही बनाकर रखें :-इन्सुलिन लेने वालों के लिए भोजन एवं दवा के मध्य का सामंजस्य अतिआवश्यक होता है क्यूंकि कई बार यह रक्तगत शर्करा के स्तर को काफी नीचे ला सकता है जिसे हायपो-ग्लायसीमीया नाम  से जाना जाता है जबी अधिक मात्रा में लिया गया भोजन हायपर-ग्लायसीमीया की स्थिति पैदा कर सकता है ..अतः अपनी दवा एवं भोजन के मध्य सामंजस्य स्थापित करना डायबीटिक रोगियों के लिए अत्यंत आवश्यक है !
व्यायाम :- शारीरिक सक्रियता डायबीटिक मेनेजमेंट प्लान की पहली आवश्यकता है ..जब आप शारीरिक रूप से सक्रीय होते हैं तब आपकी मांसपेशीयाँ अधिक मात्रा में ग्लूकोज का उपयोग ऊर्जा हेतु करती है और नियमित व्यायाम इन्सुलिन के प्रति शरीर के रेस्पोंस को बढ़ा देता है ..और ये मिलकर रक्तगत शर्करा को कम कर देते हैं अतः घर पर हल्का फुल्का काम जैसे गमलों में पानी डालना आदि भी शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मददगार होता है !
एक्सरसाईज प्लान के लिए आप अपने चिकित्सक से संपर्क कर सकते हैं यदि आप काफी लम्बे समय से निष्क्रिय रहे हैं तो चिकित्सक आपके हृदय की स्थिति अनुसार आपको व्यायाम करने की सलाह देंगे !
-अपने भोजन -दवा  के साथ व्यायाम के नियमित शेड्यूल को मेंटेन रखना डायबीटिक मेनेजमेंट हेतु आवश्यक है !
-अपने चिकित्सक से इसकी सलाह अवश्य लें कि व्यायाम प्रारम्भ करने से पूर्व एवं पश्चात आपके रक्त में शर्करा का स्तर क्या हो ? खासकर तब जब आप इन्सुलिन ले रहे हों ! हमेशा लो-ब्लड शुगर लेवल के चिन्हों जैसे :कम्पन,कमजोरी,भ्रम,चक्कर आना,हल्का सरदर्द,चिडचिडापन ,चिंता,थकान आदि को पहचान कर सावधान रहे !
-शरीर को यथासंभव हायडरेटेड रखने हेतु व्यायाम करने से पूर्व पर्याप्त मात्रा में पानी पीयें क्यूंकि डीहायडरेशन आपकी रक्तगत शर्करा को प्रभावित कर सकता है ! अतः यदि आप व्यायाम कर रहे हों तो हमेशा थोड़ा बहुत स्नेक्स या ग्लूकोज की गोली अपने पास रखें ! अपने चिकित्सक की सलाह के अनुसार व्यायाम से पूर्व एवं पश्चात ब्लड शुगर लेवल देख कर ही इन्सुलिन की डोज को एडजस्ट करें !
ये कुछ साधारण सी लगती हुई महत्वपूर्ण बातें हैं जिनका पालन प्रत्येक डायबीटिक रोगी के लिए आवश्यक है !! इसी आर्टिकल को दैनिक भास्कर जीवन मन्त्र पर पढने के लिए लिंक पर क्लिक करें :http://religion.bhaskar.com/article/FM-HL-yoga-some-habits-are-causing-diabetes-4241148-NOR.html?SBD

 

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