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रविवार, 14 अप्रैल 2013

कैंसर :बचाव के कुछ सकारात्मक तथ्य !


कैंसर पर हमने समय-समय पर विस्तृत शोधपत्रों के परिणामों को प्रस्तुत किया है Iआज हम इस रोग से बचाव के कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों को प्रकाशित कर रहे हैं  !
-हमारा भोजन कैंसर से बचाव में सबसे महवपूर्ण रोल अदा करता है जिसका कंट्रोल हमारे हाथ में होता है !एक स्वस्थ आहार लेने का डाईट-प्लान कैंसर से बचाव में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है और यदि कैंसर चिन्हित हो चुका है तो भी सकारात्मक आहार की इस रोग से लड़ने में भूमिका को नकारा नहीं जा सकता हैI हम यह जानते हैं की सम्यक आहार-विहार  का पालन  केवल कैंसर जैसे रोगों ही नहीं बल्कि हृदय रोग एवं मधुमेह जैसे अनेक रोगों के बचाव में भी मददगार होता है,  डायटीशियन भी इस बात को मानते हैं कि सही दिशा में आहार का प्लान कैंसर जैसे रोगों से बचाव का एक साधन है !आइये हम कुछ ऐसे विन्दु  आपके सम्मुख प्रस्तुत कर रहे हैं जो इस रोग से बचाव में मददगार हो सकते हैं :-
*अपने वजन को नियंत्रित रखना केवल कैंसर ही नहीं जीवनशैली से जुड़े रोगों से बचाव की पहली सीढी है !
*भोजन में प्रचुर मात्रा में फलों एवं सब्जियों का सेव कैंसर के खतरे को कम कर देता है !
*अल्कोहलिक ड्रिंक्स के सेवन से बचना भी इस रोग के खतरे को कम कर देता है  I यह पाया  गया है की विभिन्न प्रकार के ऐसे ड्रिंक्स गले ,आँतों ,लीवर ,ब्रेस्ट एवं ईसोफेगस के कैंसर को बढाने में मददगार होते हैं, हालाकि ऐसा कैसे होता है यह अभी भी शोध का विषय है !
*धूम्रपान एवं तम्बाकू से संबंधित उत्पादों का सेवन भी इसके खतरे को कई गुना बढ़ा देता है !
ऐसे ही कुछ बिंदु आहार को लेकर भी हैं जिनमें थोड़ा परिवर्तन लाना आवश्यक है :-
*अपने आहार में टोटल फैट एवं सेचुरेटेड -फैट की मात्रा जहां तक हो सके कम रखें ,क्यूंकि कैंसर कोशिकाओं को फलने-फूलने के लिए लो-डेंसिटी लीपोप्रोटीन की आवश्यकता होती है, अतः एक ऐसा आहार जिसमें एल.डी.एल के स्तर को रक्त में कम करने की क्षमता हो कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोकता है ! अत्यधिक मात्रा में चर्बी का सेवन,बाईल के प्रोडक्शन को बढ़ा देता है, जो चर्बी  को पचाने के लिए आवश्यक है ,यदि यह बाइल लम्बे समय तक आँतों में यूँ ही पडा रहे तो यह एप्कोलिक एसिड में बदल जाता है, जो एक कार्सिनोजेन है 
अतः टोटल-फैट की मात्रा कम कर दें ,जिस याप अपने कुल कैलोरी के बीस प्रतिशत तक ही सीमित रखें ,अर्थात यदि आपको एक दिन में 2500 कैलोरी की आवश्यकता है तो फैट को 500 कैलोरी से अधिक न लें !
आप अच्छी चर्बी से युक्त भोज्य पदार्थ ही लें ,अब आप जानना चाहेंगे कौन से स्रोत हैं जिनसे अच्छी चर्बी मिलती है ये निम्न हैं :-
-सब्जियों एवं फलों पर आधारित भोजन ,दालें,वेजिटेबल आयल जैसे ओलिव,सनफ्लावर,केनोला,पम्पकिनसीड,फ्लेक्ससीड  आयल ..बस यह ध्यान रहे की इन्हें अधिक आंच पर न पकाया गया हो ,वरना ये भी कार्सिनोजेन युक्त प्रभाव उत्पन्न कर सकते हैं !ओमेगा-3-फैटी एसिड से युक्त आयल भी फायदेमंद होते हैं I
-बुरी चर्बी से युक्त भोज्य पदार्थों का परित्याग करें  जैसे :-सेचुरेटेडफैट :पाम,कोकोनट ,कोकोनट-सीड आयल,हायड्रोजीनेटेडफैट युक्त फास्ट फ़ूडस का  सेवन आदि!
-भोजन में रेशेदार (फाइबरयुक्त )तत्वों  की मात्रा को बढ़ा दें ,क्यूंकि फाइबर लगभग सभी कार्सिंनोजेंस को आँतों से शीघ्र बाहर निकालने में मददगार होता है ,फाइबर आतों में अच्छे जीवाणुओं को बढ़ावा देता है, जो बुरे जीवाणुओं द्वारा "फीसापेंटेन" जैसे कैंसर उत्पन्न करने वाले तत्वों के उत्पादन को  रोकता है !हमें अपने आहार में कम से कम 25 ग्राम फाइबर युक्त पदार्थ का अवश्य ही सेवन करना चाहिये Iफाइबर्स के अच्छे स्रोत निम्न है :-गेहूं के जवारे ,सेम की फली,दालें,काबुली चना ,राजमा आदि !
-सेव जैसे फलों का सेवन इनके फलों में मिलनेवाले "पेक्टिन" के कारण आतों में अच्छे जीवाणुओं को बढ़ावा देता है तथा आतों की दीवार को पोषण प्रदान करता है !
- विभिन्न शोध इस बात को साबित कर चुके है कि सब्जियों में पाए जानेवाले फायटोकेमीकल तत्व कैंसर से शरीर की रक्षा करते हैं, फलों एवं सब्जियों में प्राकृतिक रूप  से पाए जानेवाले कैंसररोधी तत्व इन्डोल्स,फीनोल्स ,क्युमिंस एवं आइसोथीयोसायनेट हैं, ये कैंसर उत्पन्न  करनेवाले तत्वों को अपने टार्गेट पर पहुँचने से रोकने का कार्य करते हैं! ब्रोकली,पत्ता /बंद गोभी,फूलगोभी,सरसों का साग में पाए जानेवाले "सल्फोरफेन" हमारी रोगपप्रतिरोधक क्षमता को तो बढाते ही हैं साथ ही साथ स्वस्थ कोशिकाओं को कैंसर कोशिकाओं में बदलनेवाले एन्जायम्स को ब्लाक कर देते हैं ,इनके अलावा सलाद,पालक आदि में भी कैंसररोधी तत्व पाए जाते हैं !
-भोजन में मांसाहार जैसे रेड-मीट,सुअर का मांस,बीफ आदि खानेवालों में कोलोन के कैंसर के होने की अधिक संभावना पायी गयी है अतः बेहतर है की हम प्राणियों पर आधारित आहार  से वनस्पतियों पर आधारित आहार के सेवन को भोजन में प्राथमिकता दें !
-सोया भी एंटीकैंसरस पदार्थ के रूप में कार्य करता है ,यह ट्यूमर को मिलनेवाली  खून की सप्लाई देनेवाली रक्तनलिकाओं के निर्माण को रोक देता है, जिससे ट्यूमर नहीं बन पाता है, इनमें पाया जानेवाला आइसोफ्लेवोंस शरीर में सेक्स हारमोंस के स्तर को नियंत्रित करता है जिससे प्रोस्टेट एवं ब्रेस्ट कैंसर होने  की संभावना कम हो जाती है !
-भोजन में गाजर ,शकरकंद ,अंगूर,लौकी आदि अधिक एंटी-ओक्सिडेंटयुक्त पदार्थों का सेवन भी कैंसर से शरीर की रक्षा  करता है ,इसी प्रकार टमाटर में पाया जानेवाला लाइकोपीन ,एंटी-ओक्सिडेंटबीटा-केरोटीन के अवशोषण एवं उपयोग को बढ़ा देता है जिससे शरीर को  और अधिक एंटी-ओक्सिडेंट मिलता है  !
-विटामिन-सी की पर्याप्त मात्रा "बिग-सी" यानी कैंसर से लड़ने में मददगार होती है और इससे आँतों के कैंसर की संभावना को काफी कम किया जा सकता है !विटामिन-सी हमारी आँतों में "नाईट्रोसामाइन" नामक कार्सिनोजेन की उत्पत्ति को रोक देता है ,1000-2000 मिलीग्राम की विटामिन सी की प्रतिदिन ली गयी मात्रा कैंसर से बचाव हेतु आवश्यक है !
-विटामिन -सी की तरह ही विटामिन -ई भी कैंसररोधी प्रभाव दर्शाता है !
तो हमने आपको कुछ संक्षिप्त जानकारी देने का प्रयास किया है जिससे आहार में थोड़ा परिवर्तन लाकर आप इस बीमारी के चक्र में फंसने से स्वयं को बचा पायेंगे !

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