यदि आप जोड़ों के दर्द से परेशान हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है, आयुर्वेद के कुछ उपाय आपको दर्द से निजात दिलाने में कारगर होंगे:- - सौंठ,मरीच एवं पिप्पली का प्रयोग त्रिकटु के रूप में १/२ चमच्च नित्य गुनगुने पानी से प्रयोग जोड़ों के दर्द में राहत देता है। - अरंडी की जड़ का चूर्ण १/२-१ चमच्च लेने से भी गठिया के रोगियों में चमत्कारिक लाभ मिलता है। - यदि जोड़ों का दर्द बहुत पुराना हो तो बालू की पोटली का सेक भी सूजन से राहत दिलाता है। - प्रारंभिक अवस्था में यदि जोड़ों के दर्द की शुरुवात हुई हो तो अरंडी के तेल के मालिश भी अत्यंत प्रभावी होते है। - केवल सौंठ का प्रयोग भी पुराने से पुराने जोड़ों के दर्द में लाभ देता है। - अश्वगंधा,शतावरी एवं आमलकी का चूर्ण जोड़ों से दर्द के कारण आयी कमजोरी को दूर करता है। - दशमूल का का काढा भी १०-१५ एम्.एल. की मात्रा में जोड़ों के दर्द में लाभ पहुंचाता है। - जोड़ों के दर्द के साथ यदि सूजन हो तो एरंडी एवं निर्गुन्डी के पत्तों की सिकाई दर्द एवं सूजन को कम करती है। - यदि गठियावात (आर्थराईटिस) के दर्द का कारण RHEUMATOID फेक्टर हो तो गुग्गुलु का प्रयोग चिकित्सक के परामर्श से करना चाहिए। - गठियावात के कारण उत्पन्न जोड़ों के दर्द में पंचकर्म चिकित्सा अत्यंत प्रभावी है। कुछ छोटी -छोटी बातों एवं सावधानियों का ध्यान रखकर हम जोड़ों के दर्द से रहत पा सकते हैं। - यदि जोड़ों के दर्द का कारण यूरिक एसिड का बढ़ना है तो भोजन में प्रोटीन की मात्रा कम कर देनी चाहिए। - सूजन की अवस्था में आसनों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। - गठिया की प्रारंभिक अवस्था में योग एवं प्राणायाम का नित्य प्रयोग संधिवात के कारण उत्पन्न जोड़ों के दर्द को कम करता है। - गठिया के रोगियों को तले भुने भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। - जोड़ों के दर्द में भोजन में उड़द की दाल भिन्डी बैगन एवं अचार का सेवन वर्ज्य है। - हरी पत्तेदार एम रेशेदार फल सब्जियां योगी के कब्ज को ठीक कर जोड़ों के दर्द में लाभ पहुंचाती है I इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें :http://religion.bhaskar.com/article/yoga-joint-pain-may-not-be-so-upset-2233173.html
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