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रविवार, 14 अप्रैल 2013

हिमालयन वियेग्रा पर आयी एक नयी रिसर्च !

केटरपीलर फंगस (कीड़ा-जडी ) के बारे में आपके समक्ष हमने नित नयी जानकारी समय-समय पर प्रस्तुत की है ,जिसे आप निम्न विडीयो लिंक http://www.youtube.com/watch?v=pYtamEPwQZs  पर जाकर प्राप्त कर सकते हैं I यारसा गम्बू या यारसा गुम्बा के नाम से जाने जानेवाली इस जडी के प्रभाव के सम्बन्ध में यूनिवर्सीटी आफ नॉटिंघम के वैज्ञानिकों ने एक नयी खोज की हैI इन वैज्ञानिकों की मानें तो क्वाड्रीसेप्स साईनेंसिस के नाम से वैज्ञानिक रूप से जानी जानेवाली इस जडी में पाया जानेवाला रसायन क्वाड्रीसेप्निन में सूजन कम करनेवाले गुण पाए गए हैं और इसे नयी  कैंसररोधी दवा के रूप में प्रयोग में लाया जा सकता है Iवैज्ञानिकों का आगे मानना है की यह रसायन दमे,रयुमेटोवाइडआरथराईटीस,स्ट्रोक डेमेजकंट्रोल एवं कीडनी फेलियर के रोगियों मैं भी काम आयेगा Iएकेडमिक जर्नल आर.एन.ए.में प्रकाशित इस शोध के परिणामों में स्कूल आफ फार्मेसी की  डॉ.कोर्लीना.डी.मूर के अनुसार यह  रसायन क्वाड्रीसेप्निन सूजन उत्पन्न करनेवाली कोशिकाओं के जेनेटिक प्रोडक्ट को कम कर देता है, जो कई उपरोक्त रोगजनित स्थितियों में बड़ा ही  कारगर होता है ,लेकिन यह बात अब तक अस्पष्ट है कि  रसायन क्वाड्रीसेप्निन कोशिकाओं के स्तर पर यह काम कैसे करता है I वैज्ञानिक डॉ.कोर्लीना.डी.मूर कहती हैं कि यह बात तो साबित हो गयी है कि रसायन क्वाड्रीसेप्निन फेफड़ों की स्मूथ मसल कोशिकाओं के वाहक आर.एन.ए.के फाइनल चरण को प्रभावित कर प्रोटीन के संश्लेषण को बाधित कर देता है ,जिसके कारण सूजन कम हो जाती है यह प्रक्रिया पोली-एडीनायलेशन कहलाती है Iसामान्य रूप से सूजन कम करनेवाली दवा कुछ इसी तरह काम करती है, लेकिन यह एक आश्चर्यजनक पहलू  है कि रसायन क्वाड्रीसेप्निन अन्य कोशिकाओं मैं उपस्थित जीन के वाहक आर.एन.ए.को इस प्रकार प्रभावित क्यूँ नहीं करता ? क्यूंकि प्रत्येक  कोशिकाओं के वाहक आर.एन.ए. के लिए पोली-एडीनायलेशन आवश्यक होता है Iवैज्ञानिकों का मानना है कि रसायन क्वाड्रीसेप्निन दुष्प्रभावों से भी युक्त हो सकता है और यह सामान्य घावों के भरने में दिक्कत पैदा कर सकता हैI  अभी इन सभी पहलूओं पर गहन शोध किये जाने की आवश्यकता है ! अधिक जानकारी के लिये वीडीयो देखें!

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